Add To collaction

"सर से पा क़यामत है"(रुबाइ)





"इसी  दुनिया  में  रहती  है
 वो देवी  है, वो  औरत   है !
 मेरा ईमान  ,  मेरी ज़िन्दगी
 मेरी        मुहब्बत         है !!
 अदायें   शोख़   हैं   उसकी
 मगर    संजीदगी   भी    है ;
 तड़क जाती है बिजली भी 
 सर   से   पा   क़यामत   है !!"
 ***********************
 ******************

   2
2 Comments

Renu

25-Jun-2022 10:42 PM

👌👌

Reply

Virendra Pratap Singh

26-Jun-2022 06:36 AM

इस रुबाइ पर टिप्पणी करने के लिए रेनू जी, आपको बहुत बहुत धन्यवाद।

Reply